अपना उपहास उड़ने से रोकना है तो उठाने होंगे नितिन गड़करी के मानिंद तत्काल प्रभावी और कठोर कदम . . .

लिमटी की लालटेन 615

नितिन गड़करीसे प्रेरणा लेने की जरूरत महसूस हो रही राहुल गांधीको . . .

(लिमटी खरे)

केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के द्वारा शुक्रवार 01 मार्च को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है। उनका आरोप था कि उनके एक साक्षात्कार की 19 सेकण्ड की क्लिप को तोड़ मरोड़कर सोशल मीडिया पर पेश किया गया है। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में भूतल परिवहन मंत्री ने अपनी और भारतीय जनता पार्टी की छवि को प्रभावित होने से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।

इससे इतर राहुल गांधी के संबंध में सोशल मीडिया पर जिस तरह की टीका टिप्पणी की जाती है, उनके द्वारा 2017 में गुजरात नवसर्जन यात्रा के दौरान पाटण में जनसभा को संबोधित करते हुए जो भाषण दिया था, उसमें आलू से सोना बनाने वाले वक्तव्य को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल किया गया। इतन ही नहीं राहुल गांधी और कांग्रेस का जगह जगह मजाक भी बनाया जाता रहा किन्तु कांग्रेस और राहुल गांधी ने अपना मौन नहीं तोड़ा। कांग्रेस और राहुल गांधी मौन क्यों रहे यह तो वे ही जानें पर आलू से सोना बनाने वाले बयान से उनकी और कांग्रेस की छवि प्रभावित हुई इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बहरहाल, फिलहाल के घटनाक्रम के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के द्वारा एक निजि टीवी चैनल को लगभग एक घंटा 20 मिनिट (80 मिनिट) का एक साक्षात्कार दिया था। इस साक्षात्कार में से महज 19 सेकण्ड का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ वैसे ही भाजपा नेता नितिन गड़करी हरकत में आ गए और उन्होंने इस वीडियो को गलत करार देते हुए कानूनी कार्यवाही आरंभ कर दी।

केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कांग्रेस अध्यख मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने उनके साक्षात्कार का असली मतलब और संदर्भ को छिपाते हुए एक क्लिप सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। उनका आरोप है कि यह काम सिर्फ उन्हें बदनाम करने और भ्रम फैलाने के उद्देश्य से किया गया है।

दरअसल, कांग्रेस ने वीडियो जिसमें नितिन गड़करी यह कहते हुए दिख रहे हैं कि आज गांव, गरीब, मज़दूर और किसान दुखी हैं। गावों में अच्छे रोड नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं, अच्छे अस्पताल नहीं, अच्छे स्कूल नहीं हैं शेयर करते उक्त इबारत लिखी है। वीडियो में भी गडकरी को यही कहते हुए सुना गया लेकिन यह पूरा सच नहीं था। कांग्रेस ने उसी वीडियो से यह अंश निकालकर ट्वीट किया और लिखा कि यह मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर आया वैसे ही कोहराम मच गया। यह वीडियो जमकर वायरल हो गया और नितिन गड़करी को इसकी खबर लगते ही उनके द्वारा कांग्रेस से 24 घंटे के अंदर पोस्ट को हटाने और तीन दिन के अंदर लिखित माफी मांगने की मांग कर डाली।

इस आलेख को वीडियो में देखने के लिए क्लिक कीजिए . . .

कुछ समाचार चेनल्स में चल रही खबरों के अनुसार नितिन गडकरी ने कहा कि कांग्रेस ने उनके उस हिस्से को काट दिया, जिसमें उन्होंने बताया था कि कितना प्रयास किया जा रहा है और उसी के अच्छे परिणाम भी वर्तमान केंद्र सरकार के कार्यकाल में मिल रहे हैं। वे जानबूझकर गलत अर्थ निकालने के लिए बातचीत के असली मतलब को छिपाते हुए हिंदी कैप्शन और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। यह उनकी साजिश है ताकि मंत्री अर्थात नितिन गड़करी की छवि खराब हो सके। कांग्रेस ने अभी तक इस नोटिस का जवाब नहीं दिया है। नोटिस में लिखा है कि इंटरव्यू को तोड़ा-मरोड़ा गया है और आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस वीडियो को बिना संदर्भ के पोस्ट किया गया है।

लोकसभा चुनाव की घोषणा होने ही वाली है। आज की युवा पीढ़ी इस बात से शायद वाकिफ न हो कि एक समय था जब संचार के साधनों का अभाव हुआ करता था, उस दौर में किसी भी प्रत्याशी की छवि को खराब करने की गरज से अज्ञात नामों से पर्चे छपवाकर बांट दिए जाते थे। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली अब जिसे नई दिल्ली कहा जाने लगा है, के दरियागंज इलाके में सबसे ज्यादा प्रिंटिंग प्रेस हुआ करती थीं, इसलिए स्थानीय स्तर पर पर्चे छपवाकर प्रकाशक के नाम के स्थान पर मनगढ़ंत नाम और मुद्रक के नाम की जगह फलां प्रिंटिंग प्रेस दरियागंज नई दिल्ली छापकर बटवा दिए जाते थे, जो चुनाव को बुरी तरह प्रभावित भी किया करते थे।

आज संचार क्रांति का युग है और सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफार्मस पर करोड़ों लोग रोज उसे देखते हैं। इन परिस्थितियों में चुनाव के पहले अगर किसी दल या प्रत्याशी की छवि बिगाड़ने का काम किया जा रहा है तो यह आसानी से पकड़ में आ सकता है। क्योंकि जो भी इसे शेयर करेगा उसका जन्म ओरीजनेशन कहां से हुआ है यह पता करना बहुत कठिन काम नहीं रह गया है।

राहुल गांधी के संबंधित आलू से सोना से लेकर जितनी भी बातें अब तक सोशल मीडिया पर शेयर की गई हैं, उन मामलों में कांग्रेस, कांग्रेस की आईटी सेल अगर जागरूक और सक्रिय होती तो निश्चित तौर पर उन बातों का सोशल मीडिया पर मजाक बनने से रोका जा सकता था। पता नहीं राहुल गांधी के सलाहकारों ने उन्हें ऐसा करने का मशविरा क्यों नहीं दिया, क्योंकि नितिन गड़करी के बारे में जो भी बातें 19 मिनिट के वीडियो के जरिए फैलाई जा रही थीं, उन पर नितिन गड़करी के कानूनी नोटिस के बाद विराम लगना स्वाभाविक ही है। राजनैतिक माहौल को इस तरह गंदा करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता है। वैसे राहुल गांधी को चाहिए कि वे नितिन गड़करी के द्वारा उठाए गए कदम से प्रेरणा लें और सोशल मीडिया में उनके खिलाफ जो भी अनर्गल टीका टिप्पणी चल रही हैं उनके खिलाफ न केवल कानूनी कदम उठांए वरन कांग्रेस की आईटी सेल को भी इसका जवाब देने के लिए सक्रिय करें . . .

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(लेखक समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक हैं.)

(साई फीचर्स)

 

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