नल उगल रहे बीमारी, अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज़!

 

 

कब पूरा होगा नवीन जलावर्धन योजना का काम!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा नवीन जलावर्धन योजना को समयावधि में तो पूरा नहीं करवाया जा सका है, उल्टे पुरानी जलावर्धन योजना सहित कुछ स्थानों पर नयी जलावर्धन योजना से मिलने वाले गंदे और बदबूदार पानी के सेवन से लोग बीमार हो रहे हैं। लोगों के लिये गैस की खपत इससे बढ़ गयी है क्योंकि लोगों के पास पानी उबाल कर पीने के अलावा, और कोई दूसरा विकल्प ही नहीं बचा है।

शहर में उल्टी, दस्त के मरीज़ों के साथ ही बुखार के मरीज़ भी अब बड़ी संख्या में अस्पतालों में पहुँच रहे हैं। डॉक्टर, इसे मलेरिया का खतरा बता रहे हैं। अन्य शासकीय अस्पतालों के साथ ही निजि अस्पतालों में भी बुखार वाले मरीज़ों की संख्या बढ़ गयी है। शहर में फैल रही गंदगी और नलों से आ रही गंदा पानी पीने की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पानी में क्लोरीन डालकर व उबालकर इस पानी को पीने की सलाह दे रहे हैं।

चिकित्सकों का कहना है कि बुखार के जो मरीज़ बढ़े हैं उनके सैंपल लिये जाने चाहिये। स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग किसी भी बुखार का उपचार मलेरिया मानकर ही आरंभ करता है। उधर उल्टी दस्त के मरीज़ों की किडनी फेल होने के पीछे कारण है, वे बीमारी के दौरान पानी पीना बंद कर देते हैं। मोशन के दौरान वे सुस्त हो जाते हैं और बिस्तर पकड़ लेते हैं।

शरीर में पानी की कमी हो जाती है और वे मोशन के डर से पानी पीना बंद कर देते हैं, जबकि ऐसे समय पानी या ओआरएस की आवश्यकता होती है। डिहाईड्रेशन के चलते ही किडनी पर जोर पड़ता है और वह फेल हो जाती है। इसलिये स्वास्थ्य विभाग निःशुल्क ओआरएस देता है, ताकि मरीज़ को अस्पताल लाने से पहले वह दे दिया जाये जिससे मरीज़ को राहत मिल जाये और खतरा भी कम हो जाये।

नगर पालिका परिषद के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा कभी भी इस बारे में ध्यान नहीं दिया गया है कि लोगों को साफ पानी पीने को मिल सके। सीएम हेल्प लाईन में गंदे पानी की शिकायत करने पर रटे रटाये जवाब देकर नगर पालिका के द्वारा शिकायतों के फोर्स क्लोज़र की कवायद की जाती रही है।

ज्ञातव्य है कि नवीन जलावर्धन योजना के लिये भाजपा शासित नगर पालिका और महाराष्ट्र के शोलापुर की लक्ष्मी इंजीनियरिंग कंपनी के बीच मार्च 2015 में अनुबंध हुआ था। इस योजना को पूरा करने के लिये पालिका के द्वारा ठेकेदार को ग्यारह माह का समय दिया गया था।

इस लिहाज़ से ठेकेदार को इस योजना को मार्च 2016 में पूरा कर लिया जाकर इस योजना से 2016 की गर्मियों से शहर को पानी देना आरंभ कर देना चाहिये था। विडंबना ही कही जायेगी कि आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबी नगर पालिका परिषद की लापरवाही से 2016 तो छोड़िये 2019 की गर्मी भी बीत गयी पर इस योजना का काम अब तक पूरा नहीं किया जा सका है।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय होगा कि सिवनी के तत्कालीन निर्दलीय (वर्तमान भाजपा के) विधायक दिनेश राय के द्वारा पालिका को नवीन जलावर्धन योजना का काम पूरा करने के लिये निर्धारित की गयी समय सीमा से 497 दिन (लगभग 17 माह) एवं जिलाधिकारी प्रवीण सिंह द्वारा तय की गयी समय सीमा से 130 दिन (लगभग सवा पाँच माह) ज्यादा बीत जाने के बाद भी यह योजना परवान नहीं चढ़ पायी है।